हिन्दू कन्या महाविद्यालय की स्थापना 1961 में हुई थी, जिसमें मात्र लगभग 180 छात्राओं का पंजीकरण किया गया था। वर्तमान में लगभग 3000 छात्राओं का प्रवेश हो रहा है। यह आप सभी के सहयोग से इस मुकाम पर पहुँचा है। मुझे कहने में संकोच नहीं है कि इस महाविद्यालय को प्राचार्या, प्रवक्ताओं व कर्मियों का पूर्णरूप से सहयोग प्राप्त होता रहा है, जबकि इस विशाल शैक्षिक वातावरण को बेहतर बनाने हेतु अन्य स्रोतों से कार्य चलता रहा है। देश् में चल रहे महिला सश्क्तीकरण वर्ष को और उत्साह पूर्वक मनाया जाय, ऐसी स्थिति में यह भी आवश्यक है कि छात्राओं एवं उनके अभिभावकों पर प्रवेश् को लेकर कोई असंतोष का वातावरण पैदा न हो, इसके प्रति सबको सजगता बरतनी होगी, शासन एवम प्रशासन भी जिस तरह प्रवेश् व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर बल दे रहा है, उस का भी हमें पूरा सम्मान करना चाहिये। यह महाविद्यालय सन 1972 से इतने वर्षों के अन्तराल में 200 गुना से भी अधिक छात्राओं को श्क्षिा के क्षे़त्र में आगे बढ़ाने का कार्य करता चला आ रहा है। महाविद्यालय में छात्राओं को अध्ययन करने हेतु पुस्तकालय की सुविधा भी प्राप्त है। छात्राओं को अपनी बहुमुखी प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेने का पूर्ण अवसर प्रदान किया जाता है।