प्राचार्य का सन्देश

प्राचीन काल में भारत में स्थित नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों की उच्च शिक्षा दी जाती थी। विश्व भर से छात्र इन विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने आते थे। प्राचीन काल से उच्च शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान का संकलन, स्तरीय अन्वेषण ओर मानव कल्याण हेतु प्रचार-प्रसार करना ही नहीं रहा बल्कि छात्रों में ब्यापक दृष्टिकोण उत्पन्न करके कार्य कुशलता ओर नेतृत्व क्षमता का विस्तार करना और विषय विशेषज्ञों का निर्माण करना भी रहा है। वर्तमान समय में उच्च शिक्षा के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सीतापुर के केन्द्र में बसा हुआ हिन्दू कन्या महाविद्यालय, सीतापुर का एक मात्र अशासकीय महिला महाविद्यालय सतत् प्रयासरत है।

हिन्दू कन्या महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी। सन् 1973 में महाविद्यालय में महिलाओं के लिए बी0एड0 कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया जिसके साथ ही महिलाओं के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी। इसी क्रम में 01 जुलाई 1981 से ही महाविद्यालय में अनेक विषयों में स्नातकोत्तर कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यह महिला महाविद्यालय निकट के ग्रामीण क्षेत्रों एवं अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में पहला महिला महाविद्यालय है। जो अपनी स्थापना के साथ ही महिला उच्च शिक्षा एवं सशक्तिकरण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

महाविद्यालय का उद्देश्य समाज के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग से आने वाली छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना तथा छात्राओं के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है। प्रत्येक व्यक्ति में बहुत सी ऐसी प्रतिभाएं होती हैं,जिन्हें वो स्वयं भी नही जानताए हमारा महाविद्यालय निरंतर उन छिपी हुई प्रतिभाओं को पहचान कर उसे विकसित करने तथा पूर्णरूप से छात्राओं के बहुमुखी विकास के लिए प्रयत्नशील रहता है। जिससे छात्राओं क्षमता और आत्मविश्वास के साथ.साथ विनम्रता का गुण भी विकसित हो सके और वे सकारात्मक सोच के साथ जीवन पथ पर अग्रसर हों और अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।


शुभ कामनाओं के साथ
डॉ शिखा अग्निहोत्री
प्राचार्य।